नमस्कार दोस्तों आप सभी का मेरे वेबसाइट में स्वागत है, आप सभी को ज्ञात होगा हमारे देश मे सभी नागरिक को बहुत से अधिकार प्राप्त है उसी में से एक है सूचना का अधिकार, जिसे कम शब्दों में RTI act कहा जाता है। क्या आप जानते हौ RTI kya hai, RTI meaning in hindi, RTI full form, व RTI के लिए आवेदन कहां व कैसे करें?
अधिकतर छात्रों के साथ होता है कि कोई government job का exam दिए है व result का पता नही चलता है ऐसे स्थिति में बहुत सारे स्टूडेंट्स RTI file करता है व जानकारी प्राप्त करते है, आप भी अगर चाहते है तो आवेदन कर सकते है।
दोस्तौ आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे कि RTI Kya hai , act kya hai, आरटीआई का फुल फॉर्म (Full form of RTI), इसे हिंदी में कैसे परिभाषित करते है, व इसकी शुरुआत कब से हुई है, RTI के लिए आवेदन कैसे करे how to apply for RTI online in hindi, Rti Kya hai, how to apply RTI offline in Hindi (आरटीआई ऑफलाइन कैसे आवेदन करें) आदि के बारे में हम विस्तार से बात करेंगे। तो चलिये दोस्त हम RTI के बारे में point to point बात करते है व RTI के बारे में समझते है।
RTI Full Form in English Right to Information होता है, वही आरटीआई का हिंदी Meaning सूचना का अधिकार होता है। RTI दाखिल करके कोई भी भारत का नागरिक किसी भी सरकारी या गैर सरकारी विभाग से कोई भी जानकारी RTI द्वारा प्राप्त कर सकता है। सूचना के अधिकार (RTI) को व्यवहारिक शासन को मजबूत करने के लिए यह अधिनियम पारित किया गया है।
आरटीआई या सूचना का अधिकार यह वह एक्ट है जिसके माध्यम से कोई भी भारतीय नागरिक को संविधान के द्वारा एक अधिकार दिया होता है जिसके अंतर्गत वह किसी भी सरकारी विभाग से सम्पूर्ण जानकारी लिखित रूप में मांग सकता है। सरकारी विभाग जिसके खिलाफ RTI file किया गया है व लिखित जानकारी मांगा गया है उस विभाग को 30 दिन के भीतर जवाब देना होता है।
सूचना का अधिकार का Meaning जो सूचना अधिकार कानून लागू करने वाला देश अपने सभी नागरिकों को देता है, इस अधिकार के द्वारा राष्ट्र अपने नागरिकों को, अपने कार्य व शासन प्रणाली को सार्वजनिक करता है, इसे जनता का विश्वास सरकारी ढांचा पर बना रहता है। हमारा भारत देश लोकतान्त्रिक देश है, इस देश में समय समय पर जनता अपने अनुसार किसी एक पार्टी व एक व्यक्ति को सरकार चलाने के लिए चुनती है व मौका देती है, परन्तु अधिकतर सरकार ने ईमानदारी और अपने दायित्वों का सम्पूर्ण रुप से पालन नहीं किया है जिससे भ्रष्टाचारी बढ़ी व भ्रष्टाचार नीतियों का जन्म हुआ हैं।
इसलिए भारत के सभी नागरिक को यह हक़ दिया गया है, कि वह सरकारी विभागों में हो रहे कामों का पता लगा RTI के द्वारा लगा सके, सभी नागरिक किसी न किसी रूप में सरकार को टैक्स देता है, ऐसे में सरकार को जनता के प्रति उदारभाव दिखाना पड़ता है। इसी लिए भारत के सभी नागरिक को यह जानने का अधिकार है कि उस टैक्स की राशि का किस रूप में उपयोग या दुरूपयोग हो रहा है, ताकि सरकार की नीति समझ आये।
आरटीआई एक्ट भारत में 15 जून 2005 को UPA-1 सरकार के दौरान पारित किया गया है, इसस RTI Act के अंतर्गत आने वाली सभी धाराओं को 12 अक्टूबर 2005 को संसद में लागू किया गया। भारत की संसद में इसे पारित इस उद्देश्य से किया गया कि भारत में बढ़ते भ्रष्टाचार को रोका जा सके, व वही जनता व सरकार के मध्य पारदर्शिता बनी रही।
धारा 6(1) – यह धारा हमें RTI ( Rti Sections )लिखने का अधिकार प्रदान करता है।
धारा 6 (3) – यदि आपके द्वारा लिखा गया आवेदन गलत विभाग में चला जाता है, तो वह विभाग इस धारा के अंतर्गत उसे 5 से 7 दिन के अंदर सही विभाग में भेजेगा!
धारा 7 (5) – BPL Card Holder के लिए RTI आवेदन शुल्क शून्य होता है।
धारा 7 (6 ) – यदि जवाब 30 दिन के भीतर नहीं मिलाता है तो सूचना निशुल्क में दी जाएगी व आपका आवेदन शुल्क वापस हो जाता है।
धारा (18) संबंधित अधिकारी द्वारा जवाब नहीं देने की स्थिति में इस धारा के अनुसार शिकायत की जा सकती है।
धारा 19 (3)- पहली आरटीआई पत्र दाखिल करने पर यदि जवाब नहीं मिलता है तब 90 दिन के अंदर दूसरी अपील की जा सकती है, जिसके लिए किसी तरह का शुल्क का भुगतान करना नही होता है।
आरटीआई एक्ट में आप सरकार या सरकारी योजनाओं से जुड़ी किसी भी विभाग से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर।सकते है, संविधान हमे अधिकार देता है कि हम सूचना के अधिकार के तहत किसी भी विभाग की जानकारी प्राप्त कर सकते है। आप सरकारी योजनाओं के आय व्यय के बारे में सवाल सरकारी विभाग से कर सकते है।
• आरटीआई एक्ट के तहत देश का कोई भी नागरिक गैर सरकारी विभाग से भी जानकारी प्राप्त कर सकता हैज़ जैसे कोई भी non government school (गैर सरकारी स्कूल) , NGO (Non Government Organization) या अन्य किसी प्राइवेट संस्थान के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है।।
• आपके क्षेत्र में स्थित सरकारी राशन दुकान, उचित मूल्य की दुकान, सरकारी समितियों, कॉलेज, हॉस्पिटल, आदि से आप RTI के माध्यम से उनके आय व्यय के बारे मे जानकारी के लिए RTI दाखिल कर सकते है व विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते है।
• देश के सभी सरकारी विभाग, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, बिजली विभाग, कृषि विभाग, विदेश मंत्रालय, सड़क परिवहन विभाग, बैंक व किसी अन्य विभाग आदि से RTI act के तहत लिखित व मौखिक में जानकारी प्राप्त कर सकते है।
• Defense Securities व भारत के खुफिया एजेंसियों के बारे में आप RTI act के तहत जानकारी नही मांग सकते है क्योंकि यह गुप्त सूचना के तहत आता है व यह देश के रक्षा के मामले से सम्बंधित होता है। साथ ही यदि court ने किसी विभाग के बारे में सूचना देने से रोक लगाई है तब की स्थिति में आप RTI के तहत सूचना नही प्राप्त कर सकते है।
• किसी भी व्यक्ति के बारे में निजी जानकारी आप RTI के तहत नही ले सकते है यह RTI के दायरे में नही आता है, धारा 8 व धारा 24 के अंतर्गत इन सभी बातों का जिक्र हुआ है।
• RTI एक्ट द्वारा भ्रस्टाचार से जुडी हुई शिकायते दर्ज कराया जा सकता हैं, इसके साथ ही सरकारी विभागों को भ्रस्टाचार से डूबने से बचाया जा सकता है, भ्रष्टाचार के खिलाफ यह अनूठा योजना है।
• इस एक्ट के माध्यम से सरकार व जनता के मध्य पारदर्शिता बनी होती है, और सभी नागरिकों के समान अधिकार की बात को मुख्य रूप से माना जाता है।
• सरकारी संस्थान से जुड़े सभी जानकरियों को सार्वजनिक किया जाता है, जिससे किसी तरह का फ्रॉड की संभावना कम हो जाती है।
• ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार द्वारा चलाये जा रहे प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी मिलता है, वही वे सभी प्रोजेक्ट में कितना बजट खर्च हो चुका है या कितना होने वाला है साथ में यह भी जानकारी प्राप्त कि जा सकती है कि सरकार द्वारा कितना बजट पास किया गया है।
• आरटीआई एक्ट के माध्यम से छात्र परीक्षाओं से जुडी किसी भी तरह की जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। पासपोर्ट, पीएफ फंड, इनकम टैक्स या टैक्स रिफंड जैसे मामलों में RTI एक्ट की मदद लिया जा सकता है।
• आप किसी भी सरकारी विभाग व उसके कर्मचारियों की बढ़ती निष्क्रियता पर सवाल RTI के तहत उठा सकते हैं व शिकायत उच्च विभाग में कर सकते हैं।
• किसी भी घटित घटना के बारे में जानना हो, कितने व्यक्ति की मृत्यु हुई अगर उसको सरकारी मुआवजा मिलना है तो यह जांनकारी लेना की मुआवजा मिला या नहीं यह सब आरटीआई के माध्यम से जाना जा सकता है।
• सर्वप्रथम आपको भारत सरकार RTI के आधिकारिक वेबसाइट rti.gov.in google में सर्च करना होगा।
• सर्च करने के बाद आपको registration करना होगा, उसके लिए sing in करना होगा।
• अब आपको log in करना होगा, उसके बाद Apply to RTI में click करना होगा, व Online apply form को पढ़कर सावधानी पूर्वक भरें।।
• form भरने के पश्चात submit कर दे, व आगे का प्रोसेस करें।
• online fee pay में क्लिक करे, यहाँ आप Debit card, Credit card, व UPI से online fee pay कर सकते है।
• साथ ही आप form डाउनलोड करके, उसे print out करके, hand written से भी भर सकते है।।
• उसके बाद उसे E postal order के माध्यम से आप उसे भेज सकते है।
• RTI आवेदन करने के बाद 30 दिन के भीतर जवाब आ जाता है।
आरटीआई आवेदन ऑफलाइन कैसे करें (How to apply RTI offline)
• सर्वप्रथम आपको इस बारे में जानकारी होना चाहिए कि आप किस विभाग के लिए RTI दाखिल कर रहे है।
• आप फॉर्म डाऊनलोड कर ले या फिर RTI विभाग से ऑफलाइन फॉर्म प्राप्त कर ले।
• सम्पूर्ण जानकारी भरने के पश्चात आवश्यक दस्तावेज अटेच करें।।
• आप जिस भी विभाग में RTI लगाना चाहे रहे है उस विभग के लोक सेवा केंद्र में आप आवेदन कर सकते है।
• फॉर्म के जमा करने के बाद आपको 1 महीने के अंदर ही लिखित रूप से जो आप जानकारी मांगे है वह RTI act के तहत मिल जाता है।
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• भेजा गया RTI file के सन्दर्भ में 30 दिनों के अंदर कोई सूचना आपको प्राप्त नहीं होती है, तब आप प्रथम अपीलीय अधिकारी से अपील कर सकते हैं।
• यदि आप जवाब से संतुष्ट नहीं होते है तब आप 30 दिन के भीतर Central Information Commission (केंद्रीय सूचना आयोग) में अगली RTI File कर सकते है।
• यदि CIC (केंद्रीय सूचना आयोग) द्वारा भी कोई सूचना नहीं मिलता है तब विभाग के अधिकारीयों पर उचित दंड का भी प्रावधान होता है।
• 2019 में लोकसभा में Right to Information Amendment (सूचना का अधिकार संसोधन बिल) पास किया गया है।
• विभाग के सूचना अधिकारी का कर्तव्य है कि वह 30 दिन के अंदर अथवा स्वतंत्रता के मामले में 48 घण्टे के अन्दर मांगी गई Information अपीलकर्ता को उपलब्ध कराये।
• भारत के संविधान निर्माताओं ने RTI Act के बारे में संविधान में कोई जिक्र नहीं किया था इस एक्ट के बारे में वाद-विवाद 1975 से शुरू हुआ है।
• इस मामले को 1975 के बाद सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। उसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट के कहने पर धारा 19 (A) के तहत अभिव्यक्ति के दायरे को बढ़ाने के साथ इसकी शुरआत हुई है, जो वर्तमान में जारी है।
आरटीआई एक्ट का मुख्य उद्देश्य देश के नागरिकों को सशक्त बनाना व भ्रष्टाचार से दूर रखना है। साथ ही सरकारी कामों में पारदर्शिता व सरकार की जवाबदेही को आरटीआई एक्ट में प्रमुखता दी गयी है। देश में लोकतंत्र के अंतर्गत सभी सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों के कर्तव्य को स्पष्ट करना भी RTI Act का मुख्य उद्देश्य है, जिससे किसी तरह का शोषण किसी वर्ग या व्यक्ति विशेष के साथ न हो।
दोस्तौ आज हम ने इस पोस्ट के मध्यम से आप सभी लोगो को विस्तर से बताने कि कोसिस कि है कि RTI KYA HAI , Rti full form क्या है. और भी सभी जानकारी Rti के सम्भंदीत आप को अशान भाषा मे देने कि कोसिस कि है. अगर आपको कुच भी Rti के सम्भंदीत सवल हो या आपको कुछ भी समझ नही आया हो तोह आप हमे कमेंट कर सकते है. हम आप को जल्द ही रिप्लाई देंगे. दोस्तौ आप लोगो को हमरे साथ बने रहने के लिये धन्यवाद.
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