Phulera dooj 2022 : दोस्तो त्यौहारों की इस बेहद ही रूहानी कड़ी में हम आपको आज एक और भारतीय हिन्दू त्योहार के बारे में बताने जा रहे है, जिसे खासकर उत्तर भारत में ही मनाया जाता है, यह त्यौहार है फुलेरा दूज, जिसे हम भगवान श्री कृष्ण के लिए मनाते है और उनकी पूजा अर्चना आराधना करते है.
अगर हम फुलेरा दूज की कुछ बातों को देखे तो हम यह भी कह सकते है कि यह त्यौहार भी होली के जैसे ही रंगों का त्यौहार है, क्योंकि फुलेरा दूज पे सभी भक्त लोग रंगों से खेलते है, और मथुरा और वृन्दावन के सभी कृष्ण जी के मंदिरों को सजाते है.
इसके साथ ही फुलेरा दूज के अवसर पर मंदिरों में मिठाई और स्वादिष्ट पकवान भी बनते है, जिन्हें सभी भक्तों को प्रसाद के रुप में बांट दिया जाता है, इसके बाद उन सभी मंदिरों में कृष्ण लीला का भी आयोजन होता है, जिसे दूर दूर से भक्त देखने आते है.
दोस्तों फुलेरा दूज को हम हिन्दू कलेंडर के हिसाब से ही मनाते है, यह त्यौहार फागुन महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है, और 2022 में यह तिथि 4 मार्च के शुभ दिन है। इसी दिन सभी भक्त लोग फुलवारी दौज को मनाएंगे.
दोस्तो हमारे यहाँ कोई भी त्योहार मनाया जाता हो उसकी कोई न कोई वजह या महत्व जरूर होती है, ऐसे ही फुलेरा दूज का भी बहुत महत्व है, इस दिन को हमारे विद्वान पंडित लोग बहुत ही शुभ मानते है, क्योंकि इस पूरे दिन सभी मुहूर्त शुभ ही रहते है, इस दिन से अगर कोई भी नया काम शुरू किया जाए तो उसमें हमें हमेशा सफलता ही मिलेगी, इसी वजह से फुलवारी दौज के दिन सभी भक्त लोग भगवान कृष्ण जी की पूजा करते है, और इसी दिन मथुरा और वृंदावन में सामूहिक शादियां करवाई जाती है, क्योंकि फुलवारी दौज के दिन सब चीज शुभ ही शुभ होती है, इस दिन किया हुआ काम हमेशा सफल रहता है, बहुत से लोग इसी दिन के wait में बैठे होते है कि फुलवारी दौज के दिन वो लोग शादी करेंगे जिससे उनकी मैरिड लाइफ अच्छी जाए.
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दोस्तो फुलवारी दौज को मनाने का तरीका निम्नलिखित है
SR No | How to celebrate phulera dooj |
1 | फुलेरा दूज फेस्टिवल के दिन लोग अपने घरों और मंदिरों में जाकर भगवान श्री कृष्ण को गुलाल लगाते है और उन्हें फूल अर्पित करते है, और भगवान को लगाया हुआ रंग व गुलाल खुद को भी लगाते है। |
2 | फुलेरा दूज फेस्टिवल के दिन सभी भक्तों के घरों में मिठाई बनती है जिसे भगवान कृष्ण जी को चढ़ाया जाता है और बाद में प्रसाद के रूप में खुद भी खाया जाता है। |
3 | फुलेरा दूज फेस्टिवल के दिन सभी भक्त लोग भगवान जी के भजन गाते व सुनते है। |
4 | फुलेरा दूज फेस्टिवल के दिन बहुत सारे लोग अपने नए काम या बिजनेस शुरू करते है। |
5 | फुलवारी दौज फेस्टिवल के दिन मंदिरों में भक्तों की बहुत भीड़ जमा होती है, क्योंकि उस दिन मंदिरों में श्री कृष्ण जी की लीलाओं को दिखाया जाता है। |
इसके अलावा दोस्तो साल भर में यह दिन बहुत खुशी का और भाग्यशाली दिन होता है इस दिन मथुरा के सभी लोग अपनी अपनी कमर में एक थैली लटका कर रखते है, जिसमे गुलाल भरा रहता है, जिसे हम रास्ते में मिलने वाले सभी लोगों को लगाते है.
फुलवारी दौज फेस्टिवल के दिन लोग होली खेलने के लिए रंग की शुरुआत कर देतेहै, इसी दिन से सब लोग होली के लिए रंगों की तैयारी करने लगते है, ये सब लोग ऐसा क्यों करते है, इसके पीछे भी एक छोटी सी स्टोरी है जब भगबान श्री कृष्ण जी छोटे थे तब वह फुलवारी दौज फेस्टिवल के शुभ दिन से ही होली पर रंगों से खेलने के लिए रंग बनाने लगते थे, और वह इतना रंग बना लेते थे जिससे पूरे मथुरा और वृंदावन को रंग दिया जाए, और होली के दिन उस रंग को use किया जाता है, इसीलिए मथुरा और वृंदावन के सभी लोग फुलेरा दूज फेस्टिवल के दिन से ही रंग बनाने में जुट जाते है, इन रंगों से इन सभी लोगो की रोजी रोटी भी चलती है, क्योंकि लोग अपने बनाये हुए रंगों को बेचकर पैसे भी कमाते है।
निष्कर्ष –
तो दोस्तो आपको आज का हमारा लेख फुलवारी दौज फेस्टिवल 2022 कैसा लगा, और हमे पूरी उम्मीद है कि फुलवारी दौज फेस्टिवल के बारे मे जो भी जानकारी हमने आपको दी है आप उसका फायदा जरूर लेगे। आगे भी हम अपनी यह त्योहारों की कड़ी को जारी रखेंगे।
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